Sep 6, 2011

यारीयाँ


मौसम ऐसा ख़ुशनुमा, चारों ओर बहार है,
फिज़ाओं में छाया, एक नटखट सा ख़ुमार है,
'दोस्त', 'मित्र', 'साथी', किस किस नाम से पुकारा है तुम्हें,
आज की क्या बात है! बरसों बाद...मिला यार है! 

क्रिकेट, लूडो, सांप-सीढ़ी,
कितनी बार हराया-जिताया है तुम्हें,
मस्ती भरी हरकतों, बिंदास शरारतों से,
ख़ूब रुलाया, ख़ूब हँसाया है तुम्हें!


मौसिक़ी से तार्रुफ्फ़, फ़िल्मों के नए एहसासात,
स्कूल का होमेवोर्क, exam...पढ़ाई की बिसात,
लड़कपन की अठखेलियाँ, जवानी की शुरुआत,
तमाम तजुर्बात किये महसूस साथ साथ!

वो बीते दिन, शामें, रातें,
खुशियों का ज़कीरा, वो पल, वो बातें,
वो लम्हें, वो यादें - आज ख़याल बन के रहतीं हैं,
ज़िन्दगी के दरिया में, मेरे साथ साथ बहतीं हैं!



6 comments:

  1. Memories of friendship ....... They are the best. Though one may yearn to return to those golden days, even if for a brief while, the memories bring back a smile and once again one is ready to take on the world ......... They are priceless

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  2. Har ek friend zarori hota hai!! long live our friendship!!!

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  3. Next ki intezaar hai .....

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  4. Thanks all...Sunil Bhaiyya, Ravneet, Dhruv..the next one is on it's way!!

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